Thursday, September 14, 2023



किसी भी देश की सेना या सुरक्षा बल उस देश के प्रहरी होते हैं और जब देश सो रहा होता है तो वे सर्दी-गर्मी-लू में हमारी सजगतापूर्वक रक्षा करते हैं. समय पड़ने पर ये रंणअंकुरे देश की रक्षा के लिए बड़ी-से-बड़ी कुर्बानी देने के लिए तैयार रहते हैं.पछले दिनों 13 सितंबर (बुधवार) को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में हमारी सेना के कर्नल, मेजर और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी शहीद हुए।

इसी दिन शाम को जी20 समिट के सफल आयोजन को लेकर बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय में जश्न मना. जिस में प्रधानमंत्री सहित बीजेपी के सभी दिग्गज नेता मौजूद रहे. बीजेपी के इस जश्न पर विपक्ष सवाल उठा रहा है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा है कि आतंकवादियों से लड़ते हुए तीन अधिकारी शहीद हो गए, उसपर देश को गर्व है, लेकिन जब हमारे देश में शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रही तब भारत के प्रधानमंत्री जी20 की सफलता के लिए जश्न मना रहे थे.यह देशभक्ति का कैसा बेहूदा और अवांछनीय प्रदर्शन है?

इस में कोई शक नहीं है कि जी २० की सफलता पर पूरे देश को गर्व है और सारा विश्व हमारी इस उपलब्धि पर मुग्ध भी है.इस बात का जश्न मनाने का हमें पूरा अधिकार भी था, लेकिन थोड़ा इंतजार किया जा सकता था. एक तरफ शहीदों का जनाजा उठ रहा था और दूसरी तरफ देश के शीर्ष नेता की कार पर बीजेपी मुख्यालय पर पुष्पवर्षा हो रही थी. यह अवसर शहीदों को नमन करने का था,उनके पीडित परिवारजनों से तुरंत सहानुभूति दिखाने का अवसर था न कि फूलों से स्तवन करवाने का. इस आयोजन को एक-दो दिन के लिए टाला जा सकता था.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुधवार शाम बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पार्टी मुख्यालय पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया था. जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन के बाद मोदी पहली बार पार्टी मुख्यालय पहुंचे थे. पीएम मोदी के पार्टी मुख्यालय पहुंचने पर बड़ी संख्या में मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं ने फूलों की बरसा की और ‘मोदी-मोदी’ के नारे भी लगाए.

देश के जांबाज़ वीरों को श्रद्धांजलि देने और उन्हें नमन करने का यह समय है न कि अपनी उपलब्धियां गिनाने और आत्मप्रशंसा का. चाणक्य के शब्द याद आ रहे हैं.उन्होंने चन्द्रगुप्त से कहा था : ‘हे राजन,वह दिन कभी नहीं आना चाहिए जब एक सैनिक को आपसे न्याय की गुहार लगानी पड़े.वह सीमा पर देश की रक्षा के लिए अपनी जान की बाज़ी लगता है ताकि आप,मैं और हमारी जनता रात को चैन से सो सके !

शिबन कृष्ण रैणा

सम्प्रति बेंगलुरु में



Sunday, September 10, 2023



जी 20 और भारत
जी 20 बीस देशों के बीच मुख्यतया आर्थिक सहयोग और समन्वय प्रदान करने का एक संगठन है।जी 20 यानी ग्रुप ऑफ ट्वेंटी देशों का समूह । ये 20 देश साल में एक बार एक सम्मेलन के लिए इकट्ठा होते हैं और दुनियाभर के आर्थिक मुद्दों के साथ-साथ जलवायु-परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, भ्रष्टाचार-विरोध और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर चर्चा करते हैं।
इस बार हमारे देश को इस ग्रुप की मेज़मानी और इसकी अध्यक्षता करने का अवसर मिला।यह सम्मेलन नौ और दस सितंबर 23 को भारत की राजधानी दिल्ली में आयोजित हुआ। इससे भारत को ग्रुप के सदस्य-देशों के साथ व्यापार-संबंधों को और मजबूत करने का अवसर मिला । विशेषज्ञों के अनुसार भविष्य की ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ और समृद्धि को हासिल करने में जी20 की एक रणनीतिक भूमिका रहती है। इसमें शामिल देशों से भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में अच्छा-खासा इन्वेस्टमेंट आ सकता है, जिससे हमारी आर्थिक स्थिति में मजबूती की उम्मीद बनती है। G20 की अध्यक्षता करने से भारत को वैश्विक-मंच पर एक प्रमुख और महत्वपूर्ण सदस्य के रूप में देखा जा रहा है।
G20 में जो देश शामिल हैं, उनके नाम हैं: ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका।बीसवां देश यूरोपीय संघ है।ग्रुप को और अधिक विस्तार देने और वैश्विक बनाने के लिए अफ्रीकी यूनियन को भी इस बार इस में सम्मिलित किया गया।
भारत के प्रधानमंत्री और वर्तमान सम्मेलन के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी ने रविवार को जी-20 में हिस्सा ले रहे देशों के सुझावों, प्रस्तावों और विचारों पर चर्चा करने के लिए नवंबर से पहले एक वर्चुअल सेशन की पेशकश के साथ सम्मेलन के समापन का एलान कर दिया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ब्राजील के औपचारिक रूप से जी-20 देशों की अध्यक्षता लेने से पहले भारत के पास ढाई महीने का समय है और इसमें इन सुझावों पर विचार किया जा सकता है.
उन्होंने ‘वन अर्थ,वन फैमिली,वन फ्यूचर’ के रोडमैप के सुखद होने की कामना के साथ सम्मेलन में हिस्सा ले रहे देशों को धन्यवाद दिया.
इस दौरान उन्होंने संस्कृत का एक श्लोक भी कहा, जिसका संबंध दुनिया में शांति और खुशी की कामना से है.अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन समेत दुनिया भर से जुटे कई नेताओं ने भारत की अध्यक्षता की सराहना की. सम्मेलन में कुल तीन सत्र हुए. दो सत्र (वन अर्थ और वन फैमिली) शनिवार को और एक सत्र (वन फ्यूचर) का आयोजन रविवार को हुआ.
जी-20 के अब तक के इतिहास में भारत की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ जी-20 शिखर सम्मेलन सबसे महत्वाकांक्षी और कार्योन्मुखी रहा है। यह सम्मेलन भारत की अध्यक्षता में दो से पांच गुना तक अधिक कार्योन्मुखी रहा है। पहले दिन जी-20 नेताओं को घोषणा-पत्र में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का जिक्र करने से परहेज किया गया। साथ ही सभी देशों से एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करने के सिद्धांत का पालन करने का सामान्य आह्वान किया गया। इसे मोटे तौर पर संघर्ष को लेकर पश्चिमी देशों के रुख में नरमी के तौर पर देखा जा रहा है।
पिछली बार इंडोनेशिया में हुए जी20 की तुलना में इस बार का कार्य दोगुने से भी अधिक रहा ।

विश्व के सामने भारत की जो तस्वीर पेश हुयी है उसके दूरगामी और सकारात्मक परिणाम निकलेंगे | पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, भारतीयों के लिए रोजगार के नए अवसर, देश में ही नहीं विदेशों में भी, बढ़ेंगे| विदेशी कम्पनियाँ यहाँ अपने नए उद्योग स्थापित करेंगी, नई तकनीक विकसित होगी| इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा| विदेशों में बसे, कार्यरत भारतीयों से पूछो उनकी इज्जत में कितना इजाफ़ा हुआ है|