Saturday, May 5, 2018

अलवर शहर में दो मई २०१८ को अभूतपूर्व और भयंकर अंधड़-तूफान


(राजस्थान के अलवर शहर और उसके आसपास दो मई को जो अभूतपूर्व और भयंकर अंधड़ और तूफान आया,उसके बारे में मित्रों ने टीवी चैनलों और अखबारों में देख-पढ़ लिया होगा।कतिपय मित्र फोन आदि और व्हाट्सएप्प से बराबर इस प्राकृतिक आपदा की सूचनाएं देते रहे।आज हमारे शिष्य ने आधिकारिक तौर पर इस त्रासदी का विवरण भेजा:-)

"दिनांक 2-5-18की वह तूफानी शाम, पूरा शहर अस्त व्यस्त हजारों पेड़ व खम्भे धराशायी , पूरे शहर की सडकें पेडों व बिजली के तारों से पट गई। पुलिस कन्ट्रोल रूम पर 100 नम्बर घनघना उठे कोई पेड़ के नीचे दब गया तो कोई घायल हो गया किसी की गाडी पेड के नीचे दब गई तो किसी के पास एम्बुलेंस नहीं पहुंच रही थी, कोई रो रहा था तो कोई चिल्ला रहा था तो कोई गुस्सा कर रहा था कि कहीं कोई व्यवस्था नहीं है पूरा शहर भयभीत । सकडौं फोन लगातार आ रहे थे कार्य चुनौती पूर्ण था पुलिस तुरंत हरकत मे आई। एसपी साहब सहित सभी पुलिस अधिकारी तुरंत सडकों पर आये । शहर के सभी अस्पतालों को अलर्ट किया गया और 108 एम्बुलेंसो के रास्ते के अवरोधों को हटाने के लिये पुलिस सहायता भेजी गई। प्रशासनिक अधिकारियों को हालातों से अवगत कराया गया । यूआईटी सकेरेट्री व नगर परिषद कमिश्नर साहब से जेसीबी व क्रेन की सहायता मांगी गई एक जेसीबी तुरंत उपलब्ध हो गई कुछ समय उपरांत और जेसीबी भी आ गई जिन्हें प्राप्त सूचनाओं के आधार पर अलग अलग क्षेत्रों मे भेजा गया। एसपी साहब एक तरफ जहाँ शहर के हालात का जायजा लेते हुए निर्देश दे रहे थे वहीँ स्वयं अपने हाथों से रास्ते के अवरोधों को भी हटा रहे थे उनका जज्बा देखने लायक था। अन्य पुलिस अधिकारी व दूसरे विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी बडे संवेदनशील नजर आ रहे थे सीमित साधनों के बावजूद भी सभी जल्द से जल्द हालातों पर काबू पाने के लिये कृतसंकल्पित।
सभी के सामूहिक सहयोग व संकल्प की बदौलत आधी रात तक शहर के लगभग सभी प्रमुख रास्तों पर आवागमन बहाल कर दिया गया, घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया । हालात काफी कुछ काबू में नजर आने लगे यद्धपि बिजली - पानी की व्यवस्था पुनः बहाल करना एक बडी चुनौती रही ।

फिर भी सभी के सम्मलित प्रयास, संवेदनशीलता व जज्बे को मेरा प्रणाम🙏🏻, साधुवाद।"

निर्मल कुमार
पुलिस कन्ट्रोल रूम, अलवर

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