Tuesday, April 17, 2018

सौहार्द” सम्मान 

उत्तरप्रदेश हिंदी संस्थान,लखनऊ ने अभी कुछ दिन पहले देश के कई सारे हिंदी सेवियों-लेखकों को पुरस्कृत-सम्मानित करने का निर्णय लिया है.मुझे अपनी बात याद आई. ”सौहार्द” सम्मान के लिए मुझे 1990 में चयनित किया गया था.सब से बड़ी बात यह कि समारोह के अंत में पुरस्कार-विजेताओं की ओर से धन्यवाद-ज्ञापन का दायित्व संस्थान निदेशक ने मुझे देकर मेरा सम्मान दुगना किया.चित्र में 'चंदामामा' के प्रख्यात सम्पादक तेलुगु विद्वान बालशौरी रेड्डी, सिन्धी के मोतीलाल जोतवाणी आदि बैठे हुए देखे जा सकते हैं.(संभवतः अब ये दोनों सज्जन इस संसार में नहीं रहे)
पीछे मुड़कर देखता हूँ तो मन-प्राण पुलकित हो उठते हैं.

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