Monday, April 16, 2018


डॉ० हरदेव बाहरी के साथ(उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान,लखनऊ द्वारा १९९० में आयोजित एक सम्मान-समारोह के अवसर पर लिया गया चित्र). 
बाहरी साहब के कोशकार्य के क्षेत्र में किये गए उनके बहुमूल्य योगदान को भूलना असंभव है. उनके द्वारा तैयार किया गया ‘अंग्रेजी-हिंदी’ शब्द कोश(२ भाग) अपने आप में एक दस्तावेज़ है.अनुवादकों के लिए तो यह कोश एक अद्भुत उपहार है या यों कहें कि “रामबाण” है. मैं ने कश्मीरी के अलावा अंग्रेजी से जो अनुवाद का काम किया है, (चाहे केन्द्रीय साहित्य अकादमी के लिए या फिर विभिन्न प्रकाशकों के लिए)उसमें बाहरी साहब के कोश से खूब मदद मिली है. “और कोश बार-बार,बाहरी का कोश एक बार.”


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