Monday, April 16, 2018

दुबई का ग्लोबल विलेज 

जब भी मैं दुबई आता तो यहाँ के विश्वविख्यात ‘ग्लोबल विल्लेज’ यानी ‘विश्व ग्राम’ को देखना किसी कारण से संभव नहीं हो पाता था। इस बार समय निकाल कर इस भव्य,दर्शनीय,नयनाभिराम और अद्भुत विश्व-ग्राम को देखने का अवसर मिला। इस विलेज में भारत समेत 27 देशों के पैवेलिय/मंडप हैं, जिनमें इन देशों की संस्कृतियों को संजोया गया है। इस विश्व-ग्राम का मुख्य उद्देश्य यूएई और दुनिया के देशों को सांस्कृतिक रूप से जोड़ना है। अनेक देशों के पैवेलिय/मंडप इस गाँव में हैं जिन में प्रमुख हैं: चीन,मिस्र,श्रीलंका,रूस,अमेरिका,ईरान,जापान,साउथकोरिया,बहरीन,ओमान,अफ्रीका,नेपाल,बांग्लादेश,भारत आदि।इन सभी मंडपों में भारतीय मंडप अपनी छवि-छटा और आकार-प्रकार के लिए अतीव सुंदर लगता है।भारतीय पैवेलियन में 300 स्टॉल हैं जिन में इस देश की पहचान कराने वाला सामान बिकता है।ताजमहल और चारमीनार की झलक भी यहाँ देखने को मिलती है।
विश्व ग्राम में लगभग 3,500 आउटलेट, सैकड़ों बुटीक दुकानें, 120 भोजन और पेय कीओस्क, 23 रेस्तरां और कैफे हैं। सुदूर पूर्व से लेकर मध्य पूर्व तक तथा एशिया, यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका के व्यंजनों का इन खान-पान स्टालों में आनंद लिया जा सकता है।28 कार्निवल राइड्स भी हैं यहाँ ।विलेज 16 लाख वर्ग मीटर इलाके में है फैला हुआ है और इसमें 10 हजार पेड़ लगाए गए हैं। विश्व ग्राम की विशालता का अंदाज़ इस बात से लगाया जा सकता है कि इस में १७०००(सत्रह हजार) कारों के लिए पार्किंग की व्यवस्था है।

दुनिया के 23 सुपरस्टार हर शुक्रवार को यहाँ बने आधुनिकतम/डिजिटल स्टेज पर चमचमाती और लकदक करती रोशनी में कंसर्ट करते हैं।(कल १६ मार्च,२०१८ के कंसर्ट में भारत से सोनू निगम ने अपना कार्यक्रम प्रस्तुत किया।) सुना है पिछले साल यहां 56 लाख पर्यटक आए थे।प्रवेश के लिए टिकेट लेना पड़ता है जो बहुत ज्यादा नहीं है।मात्र पंद्रह दिरहम प्रति व्यक्ति।वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई टिकट नहीं।बच्चों,बुज़र्गों या फिर बहुत ज्यादा पैदल चलने में असुविधा महसूस करने वाले पर्यटकों के लिए व्हील चेयर,बेबी ट्रोलियों की निःशुल्क व्यवस्था है।सफाई-सुन्दरता,अनुशासन और व्यवस्था एकदम उम्दा। हर बृहस्तपतिवार और शुकवार को रात ठीक नौ बजे दिलकश आतिशबाजी होती है।ग्लोबल विल्लेज रात के एक बजे तक खुला रहता है।

एक बात और।दुबई के ‘ग्लोबल विलेज’ में एक बार रिक्शा से यात्रा करने का अपना एक अलग आनंद है। दरअसल, यहां हर जगह कार ले जाने की इजाजत नहीं है और मुख्य ‘ग्लोबल विलेज’ पार्किंग-एरिया से काफी दूर है। इसलिए लोग रिक्शों का सहारा लेते हैं। इन पर सभी देशों के लोग यात्रा का मजा लेते हैं। रिक्शा चालक ज्यादातर यूपी और बिहार से आये हुए हैं।इन रिक्शा वालों को ‘ग्लोबल विलेज’ ने स्पांसर किया है। 
दुबई का ‘ग्लोबल विलेज’ दुनिया का सबसे बड़ा और बेहतरीन पर्यटन, खरीदारी और पारिवारिक-मनोरंजन का अनूठा सांस्कृतिक-केंद्र माना जाता है।











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