Friday, June 17, 2016

शुक्रवार चौपाल-काव्यसंध्या

वेब पर उपलब्ध दो हिंदी पत्रिकाओं “अनूभूति” और ”अभिव्यक्ति” की सुरुचि-सम्पन्न संपादिका पूर्णिमा वर्मन के नाम से हिंदी-पाठक और हिंदी लेखक अपरिचित नहीं होंगे।देश-विदेश के अनेक लेखक इनकी पत्रिकाओं से जुड़े हैं।इतना ही नहीं इन्होंने वेब पर “नवगीत की पाठशाला” नामक एक ब्लॉग भी निर्मित किया है जिसकी वजह से आज यूके,यूएसए,कनाडा,ऑस्ट्रेलिया आदि अनेक देशों सहित भारत के अनेक रचनाकार नवगीत-लेखन की ओर प्रवृत्त हुए हैं। विदेश (शारजाह) में रहकर हिंदी के प्रति इनके इस सेवा-समर्पण भाव के लिए इन्हें देश-विदेश की कई संस्थाओं ने समय-समय पर सम्मानित किया है।२०१२ में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपतिजी ने इन्हें इनकी हिंदी-सेवाओं के लिए “पद्मविभूषण डॉ० मोटूरि सत्यनारायण” पुरस्कार से विभूषित किया है ।भारत में मूलतः लखनऊ और इलाहाबाद से जुड़ीं पूर्णिमाजी सम्प्रति अपने परिवार के साथ १९९५ से शारजाह में रह रही हैं।
पूर्णिमाजी शारजाह में ही “शुक्रवार चौपाल-काव्यसंध्या’ आयोजित कराती हैं जिसमें दुबई,शारजाह,अजमान आदि नगरों में रह रहे हिंदी प्रेमी लेखक,कवि और रचनाकार भाग लेते हैं।अपनी रचनाएँ सुनाते हैं तथा उनपर विचार-विमर्श भी होता है। २७ मई २०१६ को हुयी काव्य-संध्या में मुख्य-अतिथि के रूप में मुझे सम्मिलित होने का सुअवसर मिला।यूएई के हिंदी-प्रेमी लेखकों से मिलकर और उनकी रचनाओं को सुनकर अपार हर्ष हुआ।.इस कार्यक्रम में श्रीमती पूर्णिमाजी और उनके पतिदेव के अलावा श्री सत्यभान ठाकुर, श्रीमती मीरा ठाकुर, श्री अवधेश गौतम, श्रीमती ऋचा गौतम, श्री कुलभूषण व्यास, श्रीमती अनुराधा व्यास, श्रीमती शांति व्यास, श्री नागेश भोजने, श्री संतोष कुमार, श्री आलोक चतुर्वेदी, श्रीमती शिवा चतुर्वेदी, श्रीमती ऋतु शर्मा आदि ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।लगभग तीन घंटों तक चले इस कार्यक्रम में श्रीमती हंसा रैणा भी पूरे समय तक उपस्थित रही।





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