Tuesday, June 21, 2016

दुबई का इब्नबतूता माल

दुबई संयुक्त अरब अमीरात का एक प्रमुख शहर है.बड़ा ही दिलकश और शानशौकत वाला शहर है.यों तो दुबई में लगभग अस्सी शापिंग-माल बताये जाते हैं जिनमें दुबई माल सब से बड़ा है.यह दुबई का ही नहीं विश्व के सब से बड़े मालों में से एक है.इसके बाद नंबर आता है “इब्न बतूता माल” का. मोरक्को निवासी इब्न बतूता (1304-1368-69) के नाम पर यह माल बनाया गया है.इब्न बतूता 22 वर्ष की आयु में कई देशों की यात्रा पर निकला था.लगभग छह वर्षों तक उसने अरब,पूर्वी अफ्रीका,भारत,चीन,फारस,दक्षिणी रूस,मिस्र,स्पेन आदि देशों की यात्रा की. अपने परिवार की परंपरा के अनुसार इब्नबतूता ने कम उम्र में ही साहित्यिक तथा शास्त्ररूढ़ शिक्षा हासिल की थी. अपनी श्रेणी के अन्य सदस्यों के विपरीत इब्नबतूता पुस्तकों के स्थान पर यात्राओं से अर्जित अनुभव को ज्ञान का अधिक महत्वपूर्ण स्रोत मानता था.


उसे यात्राएँ करने का बहुत शौक था और वह नए-नए देशों और लोगों के विषय में जानने के लिए दूर-दूर के क्षेत्रों तक गया था. 1332-33 में भारत के लिए प्रस्थान करने से पहले वह मक्का की तीर्थ यात्राएँ और सीरिया, इराक, फारस, यमन, ओमान तथा पूर्वी आफ्रीका के कई तटीय व्यापारिक बंदरगाहों की यात्राएँ कर चुका था. मध्य एशिया के रास्ते होकर इब्नबतूता सन्‌ 1333 में स्थलमार्ग से सिधं पहुचँ.उसने दिल्ली के सुल्तान महुम्मद बिन तुगलक के बारे में सुना था और कला और साहित्य के एक दयाशील संरक्षक के रूप में उसकी ख्याति से आकर्षित हो बतूता ने मुल्तान और कच्छ के रास्ते होकर दिल्ली की यात्रा की.


इसी महान पर्यटक के नाम पर “इब्न बतूता” माल बना है.521,000 वर्ग मीटर में फैले इस अद्भुत माल में 270 दुकानें, 50 रेस्टोरेंट, 21 स्क्रीन-सिनेमा, 4500 कारों के लिए पार्किंग की जगह है जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा विषयाधारित माल बनाता है.इस माल को, इब्न बतूता ने जिन-जिन प्रमुख देशों की यात्रा की, उन देशों की थीम को आधार बनाकर निर्मित किया गया है.सम्पूर्ण माल को छह कोर्टस/प्रभागों में बांटा गया है जिनमें इजिप्ट, इंडिया, चाइना, पर्शिया, टयूनिशिया और एंडलूसिया कोर्टस हैं. हर प्रभाग ऊपर वर्णित देशों की थीम/कला-संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है. हाथी को प्रतीक बनाकर भारत का प्रभाग/कोर्ट देखने लायक है






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